वेब रिपोर्टर:
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने आर्थिक रूप से कमजोर साहित्यकारों के लिए को दो मदों में अनुदान हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इलाज तथा पांडुलिपि के मुद्रण के लिए आर्थिक सहायता 'साहित्यकार कल्याण कोष योजना' तथा 'प्रकाशन अनुदान' योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2021 है। 

संस्थान के निदेशक श्रीकांत मिश्र की ओर से समाचार पत्रों को जारी विज्ञापन के अनुसार 'साहित्यकार कल्याण कोष योजना' के तहत विषम आर्थिक स्थिति से ग्रस्त या रुग्ण साहित्यकार, जिनकी समस्त स्रोतों से वार्षिक आय पांच लाख रुपये तक है, उन्हें अधिकतम 50 हजार तक रुपये चिकित्सा के लिए आ​र्थिक सहायता के ​रूप में दिए जाएंगे। वहीं प्रकाशन अनुदान योजना के तहत ऐसे रचनाकार जिनकी समस्त स्रोतों से वार्षिक आय पांच लाख रुपये तक है उनकी पांडुलिपि के मुद्रण के लिए प्रकाशन अनुदान दिया जाएगा। पुस्तक अधिकतम 200 पृष्ठों की हो। इसके लिए भी प्रस्ताव आमंत्रित हैं। 

उक्त दोनों ही योजनाओं की नियमावली एवं आवेदन पत्र का प्रारूप संस्थान के कार्यालय (राजर्षि पुरुषोत्तम टंडन हिंदी भवन, 6—महात्मा गांधी मार्ग, हजरगंज, लखनऊ) से किसी कार्यदिवस में प्राप्त किया जा सकता है। योजनाओं के विवरण एवं प्रार्थना पत्र का प्रारूप संस्थान की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

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