कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष डॉ. सुनीता यादव धनपत राय श्रीवास्तव मुंशी प्रेमचंद नाम से…
1991 के 30 साल, उदारीकरण 2.0 की जरूरत आलेख | शंकर अय्यर 20 जून 1991। भारत के राजनीतिक परिदृश्य का ए…
धारा प्रवाह संवाद में बड़ी बाधाएं हैं फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को विड -19 महामारी ने नए शब्…
अपने साहित्य में भारतीय वाग्मिता और अस्मिता को व्यंजित करने के लिये प्रसिद्ध रहे श्री विष्णु प्रभा…
आलेख | डॉ॰ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के जन्मदिन पर विशेष डॉ॰ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (जन्म 20 जून 1940)…
साम्राज्य का विस्तार कैसे होता है? शक्ति से, बंदूक से, दमन से, फौज से? औपनिवेशिक काल के दौरान ब्रि…
प्रोलिंगो न्यूज डेस्क: 'जेठ' में जब धरती सूरज की तपिश से जल रही होती है, तो जुबां पर बस एक …
आलेख | पड़ताल जगदीश लाल | वरिष्ठ पत्रकार ह मारे समय का एक बहुत ही चलताऊ जुमला है- अंग्रेज़ चले ग…