When the first dictionary in the world came into existence: भाषा, मानव सभ्यता की आधारशिला है। यह न केवल हमारे विचारों को व्यक्त करने का माध्यम है, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और इतिहास को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का सेतु भी है। इस भाषाई संपदा को व्यवस्थित और संरक्षित करने की मानवीय इच्छा ने ही शब्दकोशों को जन्म दिया। आज हम जिस आधुनिक शब्दकोश को देखते हैं, वह सदियों के अथक प्रयासों और भाषाई चिंतन का परिणाम है। आइए, इस रोचक यात्रा पर एक नजर डालते हैं।
दुनिया का पहला ज्ञात शब्दकोश लगभग 2300 ईसा पूर्व प्राचीन मेसोपोटामिया, जो कि आधुनिक इराक है, में अस्तित्व में आया। यह भाषाई धरोहर सुमेरियन और अक्काडियन भाषाओं के बीच शब्दों के अनुवाद और व्याख्या के उद्देश्य से रचा गया था, जिसे "उर्रा=हुबुल्लु" के नाम से जाना जाता है। मिट्टी की पट्टिकाओं (क्ले टैबलेट्स) पर क्यूनिफॉर्म लिपि में उत्कीर्ण यह शब्दकोश, वास्तव में 24 टैबलेट्स का एक संग्रह था। इसमें पौधों, जानवरों, पत्थरों और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं के नामों को सुमेरियन और अक्काडियन भाषाओं में सूचीबद्ध किया गया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य व्यापार, धार्मिक अनुष्ठानों और प्रशासनिक कार्यों में भाषाई एकरूपता स्थापित करना था (ब्रिटिश म्यूज़ियम के अभिलेख)। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि "उर्रा=हुबुल्लु" ने भाषा को व्यवस्थित करने और उसे एक मानक रूप देने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम उठाया था।
हालांकि, यदि हम पहले एकभाषी शब्दकोश की बात करें, तो चीन ने इस क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाई। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हान राजवंश (206 ईसा पूर्व – 220 ईस्वी) के दौरान संकलित "एर्या" (爾雅) को चीनी सभ्यता का पहला शब्दकोश माना जाता है। इसकी विशेषता यह थी कि इसमें शब्दों को विषयवार वर्गीकृत किया गया था, जैसे कि खगोल विज्ञान, पौधे और पारिवारिक संबंध। यह वर्गीकरण प्रणाली ज्ञान को सुव्यवस्थित करने और सीखने की प्रक्रिया को सरल बनाने में सहायक सिद्ध हुई।
अरब विद्वानों ने भी भाषा विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 8वीं शताब्दी ईस्वी में अल-खलील इब्न अहमद अल-फराहीदी द्वारा रचित "किताब अल-अयन" (كتاب العين) अरबी भाषा का पहला व्यवस्थित शब्दकोश था। इसकी सबसे उल्लेखनीय विशेषता यह थी कि इसमें शब्दों को ध्वनि के आधार पर व्यवस्थित किया गया था, जो उस समय भाषा विज्ञान की दृष्टि से एक अत्यंत नवीन और प्रगतिशील दृष्टिकोण था।
यूरोप में आधुनिक शब्दकोशों का उदय 16वीं से 18वीं शताब्दी के बीच हुआ। रॉबर्ट कॉड्री ने 1604 में अंग्रेजी का पहला वर्णानुक्रमिक (अल्फाबेटिकल) शब्दकोश "ए टेबल अल्फ़ाबेटिकल" प्रकाशित किया। इसके बाद, सैमुअल जॉनसन का 1755 में प्रकाशित "ए डिक्शनरी ऑफ द इंग्लिश लैंग्वेज" और फ्रेंच एकेडमी का 1694 में प्रकाशित शब्दकोश आधुनिक शब्दकोशों के लिए एक आदर्श बन गए। जॉनसन के शब्दकोश में न केवल शब्दों के अर्थ दिए गए थे, बल्कि उनके उपयोग को स्पष्ट करने के लिए साहित्यिक उदाहरण भी शामिल थे।
शब्दकोशों का यह ऐतिहासिक विकास मानव सभ्यता में भाषा, शिक्षा और संचार के अटूट संबंध को दर्शाता है। प्राचीन काल में जहां इनका उद्देश्य मुख्य रूप से अनुवाद तक सीमित था, वहीं समय के साथ इनमें व्याकरण, उच्चारण और उदाहरण जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी जुड़ती गईं। आज, डिजिटल युग में ऑक्सफोर्ड ऑनलाइन जैसे डिजिटल शब्दकोश भाषाओं को एक गतिशील रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो लगातार विकसित हो रही भाषाई परिदृश्य को दर्शाते हैं (भाषाई शोध पत्र)।
संक्षेप में, शब्दकोश केवल शब्दों का संग्रह नहीं हैं, बल्कि वे हमारी भाषाई विरासत के जीवंत प्रमाण हैं। वे ज्ञान के भंडार हैं जो हमें अपने अतीत से जोड़ते हैं और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भाषा के महत्व को बनाए रखते हैं। शब्दकोशों का यह सफर, प्राचीन मेसोपोटामिया की मिट्टी की पट्टिकाओं से लेकर आज के डिजिटल मंचों तक, मानव बुद्धि और भाषा के प्रति अटूट समर्पण की एक शानदार कहानी कहता है।
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