उम्र में केवल ढाई वर्ष बड़ा है अंग्रेजी विकिपीडिया
वीकिपीडिया हिंदी का मुख पृष्ठ बताता है कि इसकी शुरुआत जुलाई 2003 में की गई थी। इस लिहाज से इस वर्ष यह वयस्क हो गया। अंग्रेजी विकिपीडिया की शुरुआत जनवरी 2001 में हुई थी। इस गणना से विकिपीडिया अंग्रेजी केवल ढाई वर्ष बड़ा है। लेकिन जब लिखने—पढ़ने की बात करें तो इतने वर्षों में अंग्रेजी विकिपीडिया ने 6,333,947 आलेख दर्ज किए तो हिंदी सिर्फ 148,565 आलेख दर्ज कर सकी। दरअसल, यह सूची भाषा की स्वीकार्यता का स्तर नहीं बताती बल्कि उसमें लिखने—पढ़ने वाले लोगों की सक्रियता का स्तर बताती है।
अंग्रेजी भाषा के 1090 एडमिन तो हिंदी के केवल 8
विकिपीडिया पर ज्ञान—संग्रह करने में अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी के पिछड़ेपन की वजह सिर्फ हिंदीभाषियों का इस कार्य में कोई रुचि न लेना ही कहा जा सकता है। अंग्रेजी भाषा के जहां 1090 एडमिन सक्रिय रूप से इस काम में लगे हुए हैं तो वहीं हिंदी में केवल 8 ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस काम का बीड़ा उठाया है। हिंदी भाषा में एडमिन की सूची देखें तो जिन चंद लोगों के नाम हैं उनमें अनिरुद्ध कुमार, अजीत कुमार, माला चौबे, संजीव कुमार, हिंदुस्थान वासी आदि हैं। हिंदी में मौजूद ज्ञान को सबके उपयोग लायक जगह पर उपलब्ध कराने की धुन केवल गिने—चुने लोगों में है, इसलिए हिंदी के आलेखों की संख्या सिमटी हुई है।
'जो आपके समाज की स्थिति होगी, वही आनलाइन भी दिखेगी'
2009 से स्वैच्छिक रूप से विकिपीडिया पर हिंदी भाषा में आलेख लिख रहे अनिरुद्ध कुमार कहते हैं कि हिंदी और अंग्रेजी के आलेखों में इतने बड़े अंतर की वज़ह शिक्षा, संसाधन और सक्रियता है। 2018 के बाद देश में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है और यह सस्ता हुआ है। हिंदीभाषी समाज में मोबाइल की संख्या तो बढ़ी है लेकिन डेस्कटॉप, लैपटॉप की संख्या उस अनुपात में नहीं बढ़ी। हिंदी समाज के कई सारे लोग विकिपीडिया पर अंग्रेजी भाषा में योगदान करते हैं। हिंदी में लेखों की कमी के पीछे ये बड़े कारण हैं। अनिरुद्ध कहते हैं कि अंग्रेजी में करीब 3 लाख लोग विकिपीडिया के पेज एडिट करते हैं, जबकि करोड़ों हिंदी भाषियों में से केवल ढाई हजार लोग एडिट करते हैं। सारांशत: वह कहते हैं, जो आपके समाज की स्थिति होगी, वही आनलाइन भी दिखेगी।
कोई भी दर्ज कर सकता है आलेख
विकिपीडिया मुक्त ज्ञानकोश है जिस पर कोई भी व्यक्ति जनरुचि के विषयों से जुड़ी जानकारी दर्ज कर सकता है। विकिपीडिया व्यक्तिगत रुचि की सामग्री को मान्यता नहीं देता। अलग—अलग भाषाई पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले सैकड़ों लोग विकिपीडिया पर अपनी भाषा में उपलब्ध ज्ञान—सामग्री को स्वैच्छिक रूप से दर्ज करते हैं। उनके द्वारा दर्ज की गई जानकारी जरूरत पड़ने पर किसी किसी अन्य के काम आ जाती है। यह सर्वमान्य तथ्यों, जानकारियों, सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी तक या एक देश से दूसरे देश तक ले जाने का एक अभियान कहा जा सकता है। हैरानी की बात है कि इस मुक्त ज्ञान स्रोत में योगदान करने वाले हिंदी में बहुत कम हैं। वह हिंदी जो भाषियों के लिहाज से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है।
वाह शानदार, बढ़िया आलेख के लिए बधाई।
ReplyDeleteबहुत ही बढिया आलेख ।बधाई
ReplyDeleteबहुत ही शोध परक, ज्ञानवर्धक आलेख। भाषा के क्षेत्र में प्रोलिंगो एडिटर्स का कोई जवाब नहीं।
ReplyDeleteHindi ki mahima. wiki ko hindi me aana pada. But apne hi ese mahatva nahi dete
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