देश के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों में भारतीय भाषाओं के माध्यम से पढ़ाई की घोषणा स्वागत योग्य कदम



वेब रिपोर्टर : भारतीय भाषाओं के माध्यम से 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई की व्यवस्था करने की प्रधानमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य कदम है। प्रधानमंत्री द्वारा पिछले वर्ष इस संबंध में बिहार और असम में घोषणा की गई थी और इसी के अनुपालन में शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया। एआईसीटीई और उसके अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे भी इस कदम के लिए बधाई के पात्र हैं। ये बातें केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा 'जोशी' ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहीं। 

देश के चौदह इंजीनियरिंग कॉलेजों में भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की शुरुआत पर हर्ष व्यक्त करते अनिल शर्मा 'जोशी' ने कहा कि शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरे होने पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि यह  शिक्षा नीति युवाओं की संभावनाओं को आकाश देने का काम कर रही है।  यह न केवल उन्हें भारतीय भाषाओं में पढ़ने का मौका देती है बल्कि  विद्यार्थियों को स्वतंत्रतापूर्वक विषय के चयन का अधिकार भी देती  है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की व्यवस्था एक ऐसा कदम है, जिसका इंतजार पिछले 73 वर्षों से देश कर रहा था। इसके माध्यम से करोड़ों विद्यार्थियों को अपनी भाषा में समझने, आत्मसात करने और अभिव्यक्ति का अवसर मिलेगा। हम सबका कर्तव्य है कि इस परियोजना को सफल बनाएं और भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाते हुए शिक्षा नीति में उठाए गए कदमों को सफल बनाने के लिए आवश्यक प्रयास करें।  केंद्रीय हिंदी संस्थान इसके लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रकार की परियोजनाओं की सफलता के लिए प्रतिबद्धता के साथ लगा हुआ है।

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