उत्तर प्रदेश और बिहार में व्यापक रूप से बोली जाने वाली भोजपुरी डिजिटल युग में नए अवतार में सामने आ रही है। 'बंबई में का बा'...भोजपुरी का जब यह पहला रैप सॉन्ग आया तो रातोंरात हिट हो गया। उस 'एलीट क्लास' के लोगों की जुबां पर भी इस रैप सॉन्ग की लाइनें रट गईं जो भोजपुरी को 'अश्लील' मानता है। लेखन, चिंतन करने वालों की एक बड़ी जमात ऐसी है जो यह मानने को तैयार नहीं कि भोजपुरी में कुछ 'बड़ा' सोचा या रचा जा सकता है। भोजपुरी के प्रति इस धारणा को तोड़ने का बीड़ा कुछ युवाओं ने उठाया है। वे दुनिया की विभिन्न भाषाओं के उत्कृष्ट साहित्य का भोजपुरी में पॉडकास्ट तैयार कर रहे हैं, जो 'यायावरी वाया भोजपुरी' एंड्रॉयड ऐप पर उपलब्ध है।
अंग्रेजी के लेखक आर्थर मॉरिसन या जर्मन के हरमन हेस को भोजपुरी में सुनना कैसा लगेगा? हिंदी के प्रेमचंद और जैनेंद्र की कहानियां भोजपुरी में कैसा स्वाद देंगी? इन लेखकों की कलम को यह ऐप में भोजपुरी में बिल्कुल नए अंदाज में प्रस्तुत करता है। सही मायने में आप इस यायावरी से भोजपुरी के उस लोक में पहुंच जाते हैं जहां वह अपने सबसे खूबसूरत रूप, रंग, अंदाज़ में हाज़िर है। यहां आपको भोजपुरी समाज की स्मृतियों में समाई वे लोककथाएं भी मिलेंगी जिन्हें आज बिसरा दिया गया है। भोजपुरी की अपनी ही जड़ों को पहचानने से इनकार करने वाले लोग इस यायावरी से महसूस कर सकेंगे कि उनकी यह मातृबोली कितनी ताकतवर है।
कहानियों के भोजपुरी पॉडकास्ट का डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने का विचार आया कहां से? यायावरी टीम के वैभव, क्षमा बताते हैं कि कुछ साथियों के बीच यह चर्चा चली कि भोजपुरी फ़िल्में अश्लीलता परोस रही हैं। बस, यहीं से उपजा विचार धीरे—धीरे एक संकल्प में बदल गया और 'यायावरी वाया भोजपुरी' की नींव पड़ी। विचार ने जब मूर्त रूप लिया तो कुछ और युवा साथ आते गए। एक मजबूत टीम बन गई जिसमें गौरव, आशुतोष, राहुल, मुन्ना कुमार, सुधीर, अनुराग, प्रतिमा, स्वाती, अंकिता, संजय आदि शामिल हैं। लेखन, कहानियों का अनुवाद करने के साथ ही यह टीम उसे स्वर देती है। टीम ने अब तक देश विदेश की 50 से अधिक चर्चित कहानियों को भोजपुरी के शब्दों में पिरोया है।
वैभव बताते हैं कि ऐप पर अभी प्रेमचंद, जैनेंद्र की कालजयी कहानियों के साथ ही नए लेखकों कमलेश, विमल चंद, सर्वेश, संजना की कहानियां हैं। जापान, केन्या, रूस, फ्रांस की लोककथाएं भी भोजपुरी समाज खूब सुन और पसंद कर रहा है। जल्द ही ऐप पर बेताल पचीसी, सिंहासन बत्तीसी, उदय प्रकाश की कहानियां भोजपुरी में सुनने को मिलेंगी। इस ऐप पर जहां गैर भोजपुरी समाज भोजपुरी की मिठास से परिचित हो सकता है, वहीं भोजपुरी भाषी श्रोताओं के लिए उनकी बोली में इतना समृद्ध साहित्य मौजूद है कि वे 'अश्लीलता' के बोध से मुक्त हो सकते हैं।
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