प्रोलिंगो न्यूज डेस्क : बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में लिपिक संवर्ग के लिए होने वाली भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी गई है। हिंदी, अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने की मांग से जुड़ी राजनीति के बाद वित्त मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस मांग पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
गत 11 जुलाई को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लिपिक संवर्ग में लगभग पांच हजार रिक्तियों को भरे जाने की अधिसूचना जारी की गई थी। बैंकों में इतनी बड़ी संख्या में रिक्तियां आने से योग्य अभ्यर्थी नौकरी के प्रति आशान्वित हुए। लेकिन परीक्षा का माध्यम सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी होने की वजह से कुछ गैर—हिंदी प्रदेशों से विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए। कर्नाटक में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बैंकिंग परीक्षा में कन्नड़ भाषा का विकल्प न होने पर ट्वीट के माध्यम से असहमति जतायी। उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और केंद्र सरकार से इस परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का विकल्प उपलब्ध कराए जाने की मांग की। इस संबंध में उन्होंने कई ट्वीट किए।
इस परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा के विकल्पों को शामिल किए जाने की मांग के संबंध में 13 जुलाई को वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लिपिक संवर्ग के लिए स्थानीय/क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने की मांग पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इस मामले पर संपूर्णता के साथ विचार करेगी। समिति 15 दिनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। आईबीपीएस द्वारा परीक्षा आयोजित करने की वर्तमान में जारी प्रक्रिया को समिति की सिफारिशें उपलब्ध होने तक स्थगित रखा जाएगा।
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