मुंशी प्रेमचंद की कृति 'सोज़—ए—वतन' के बिरतानी हुकूमत द्वारा जब्त किए जाने के बारे में हम सभी जानते हैं। हम यह भी जानते हैं कि प्रेमचंद तत्कालीन शिक्षा महकमे में कार्यरत थे। यहां हम दो तस्वीरें साझा कर रहे हैं। पहली सोज़—ए—वतन के मुखपृष्ठ की है तो दूसरी मुंशी प्रेमचंद की सर्विस बुक की है। इन तस्वीरों को एक साहित्यिक वाट्सएप ग्रुप में किसी साहित्य प्रेमी ने साझा किया है। स्रोत:सोशल मीडिया
सोज़—ए—वतन का मुखपृष्ठ
प्रेमचंद के सोज़—ए—वतन शीर्षक कहानी संग्रह का प्रकाशन 1908 में हुआ था। सोज़—ए—वतन का अर्थ है देश का मातम। इस संग्रह में पांच कहानियाँ थीं— दुनिया का सबसे अनमोल रतन, शेख मखमूर, यही मेरा वतन है, शोक का पुरस्कार और सांसारिक प्रेम। पाँचों कहानियाँ उर्दू भाषा में थीं। हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने इन रचनाओं को देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दी थीं।
सर्विस बुक
Badhiya !
ReplyDeleteदुर्लभतम।
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