वेब रिपोर्टर : संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने एक अनोखी पहल की है। हरियाणा रोडवेज की बसों में ऐसे विद्वान नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे जिन्होंने संस्कृत भाषा में उल्लेखनीय कार्यों के लिए पुरस्कार जीता है। हरियाणा संस्कृत अकादमी की ओर से कहा गया है कि इस कदम से संस्कृत के प्रति लोगों को रुझान बढ़ेगा।
संस्कृत देश की प्राचीन भाषा है। इसको प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की ओर से समय—समय पर पहल की जाती रही है। इसी कड़ी में नई पहल की है हरियाणा सरकार ने। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने मीडिया को जानकारी दी कि प्रदेश में सरकारी संस्कृत कॉलेजों, संस्कृत बोर्ड के गठन के अलावा संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के संस्कृत महाविद्यालयों व गुरुकुलों में अध्यापन का कार्य करने वाले संस्कृत के उत्कृष्ट आचार्यों व गुरुकुल संचालकों के लिए हरियाणा संस्कृत अकादमी के माध्यम से गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तण्ड पं. सीताराम शास्त्री सम्मान, पं. युधिष्ठिर मिमांसक आचार्य सम्मान, स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान देना शुरू किया गया है।
संस्कृत भाषा को जनमानस के बीच देव भाषा के रूप में जाना जाता है। देव भाषा अर्थात देवताओं को समझने की भाषा। इस कारण से इस भाषा का स्वरूप व्यवसायिक कम धार्मिक ज्यादा है। हरियाणा सरकार ने संभवतः एक राजनीतिक दल विशेष के एजेंडे के रूप में इसको अपनाया होगा ऐसी मेरी समझ बनती है। यदि यह भाषा अपने व्यवसायिक रूप में लोगों के बीच में हो तो ज्यादा ग्रह्य होगी।
ReplyDeleteअरे वाह
ReplyDeletePost a Comment