प्रोलिंगो न्यूज डेस्क: 'जेठ' में जब धरती सूरज की तपिश से जल रही होती है, तो जुबां पर बस एक शब्द आते ही शीतलता और नमी का अहसास होने लगता है। 

मानसून। 

काले, उमड़ते मेघों की छवि लिये मन के पटल पर तैरता यह शब्द कई सारी स्मृतियों को साथ लेकर आता है।

उमस, गर्मी से भरी दोपहर में राहत की आहट में भीगे इस शब्द की यात्रा के भी उतने ही पड़ाव हैं, जितने मेघों के होते हैं। यह शब्द मूलत: हिंदी का नहीं माना जाता। बहुत पुराने भारतीय साहित्य में इस शब्द की मौज़ूदगी शायद नहीं मिलेगी। इस खूबसूरत शब्द की पैदाइश की जड़ों को तलाशने के लिए किसी 'क्लासिक साहित्य' या भूगोल की किताबों में जाने से पहले हमने खंगाला वर्चुअल वल्र्ड यानी इंटरनेट की दुनिया। यहां पता लगा कि भारत में तमाम विदेशी आक्रांताओं के आवागमन की बेला में ही यह शब्द बादलों की तरह उड़ता हुआ यहां पहुंचा और हमारी जुबां पर ऐसा चढ़ा कि हमारे ही रंग में रंग गया। 

इस शब्द की उत्पत्ति तलाशने हम गूगल देव की शरण में गए। वहां मानसून लिखकर खोज बटन दबाते ही कई सारे परिणाम मानसूनी मेंढकों की तरह टर्राने लगे। सबसे विश्वसनीय माने जाने वाले विकिपीडिया पर इस शब्द के बारे में कुछ यूं लिखा मिला — 

हिन्दी में प्रयुक्त मानसून, अंग्रेज़ी शब्द मॉनसून से आया है, और जिसको अंग्रेजी ने पुर्तगाली शब्द monção (मॉन्साओ) से लिया है, जिसका मूल उद्गम अरबी शब्द मौसिम (موسم "मौसम") है। यह शब्द हिन्दी एवं उर्दू के अतिरिक्त विभिन्न उत्तर भारतीय भाषाओं में भी प्रयोग किया जाता है, जिसकी एक कड़ी आरंभिक आधुनिक डच शब्द मॉनसन से भी मिलती है। इस परिभाषा के अनुसार विश्व की प्रधान वायु प्रणालियां सम्मिलित की जाती हैं, जिनकी दिशाएं ऋतुनिष्ठ बदलती रहती हैं। 

वहीं अमर उजाला.कॉम की ​2012 की एक रिपोर्ट बताती है— 
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरब शब्द मौसिन से हुई है। जिसका अर्थ होता है मौसम। अरब में समुद्र में नाव लेकर उतरे मल्लाहों ने मॉवसिम (मानसून) शब्द ईजाद किया। इसके बाद मानसूनी हवाओं को मानसून कहा जाने लगा।

भास्कर.कॉम पर 9 वर्ष पूर्व प्रकाशित एक आर्टिकल में कहा गया है—
मानसून शब्द अरबी शब्द मौसिम से मानसून शब्द बना है। इसका मतलब 'हवाओं का मिजाज' होता है। 16वीं शताब्दी में मानसून शब्द का सबसे पहले प्रयोग समुद्र मार्ग से होने वाले व्यापार के संदर्भ में हुआ था। इन हवाओं से व्यापारियों को नौकायान में सहायता मिलती थी। इसलिए इन्हें 'ट्रेड विंड' भी कहा जाता है।

मानसून की तलाश में एनसीईआरटी की एक पुस्तक का लिंक मिला। उसके पन्ने पलटे। यह पुस्तक भी बताती है कि मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द 'मौसिम' से हुई है। 

एक अन्य वेबसाइट पर हिंदी शब्दकोश के हवाले मानसून की यह परिभाषा लिखी मिली—
मानसून संज्ञा पुं० [अं० मि० अ० मौसिम] १. एक प्रकार की वायु जो भारतीय महासागर में अप्रैल से अक्टूबर मास तक बराबर दक्षिणपश्चिम के कोण से चलती है और अक्तूबर से अप्रैल तक उत्तरपूर्व के कोण से चलती है। अप्रैल से अक्टूबर तक जो हवा चलती है; प्रायः उसी के द्वारा भारत में वर्षा भी हुआ करती है। 

क्रि० प्र०—आना। —उठना।—दबना। 

२. वह वायु जो महादेशों और महाद्वीपों तथा अनेक आस पास के समुद्रों में पड़नेवाले वातावरण संबंधी पारस्परिक अंतर के कारण उत्पन्न होती है और जो प्रायः छह् मास तक एक निश्चित दिशा में और छह् मास तक उसकी विपरीत दिशा में बहती है। 


प्रभातखबर.कॉम वेबसाइट पर गत वर्ष प्रकाशित एक रिपोर्ट में मानूसन शब्द की उत्पत्ति के बारे में लिखा मिला—वैसे मानसून तो अंग्रेजी शब्द है जो पुर्तगाली शब्द मान्सैओ से बना है। मानसून मूलरूप से अरबी शब्द मावसिम (मौसम) से आया है। आधुनिक डच भाषा में इस मॉनसन से भी कहते है।

मानसून शब्द की उत्पत्ति और परिभाषा के संबंध में ऐसी ही मिलती—जुलती ढेर सारी जानकारियां मिलीं। 

इन सबके साथ ही मानसून शब्द के बारे में कुछ ऐसे भी तथ्य मिले जो 'भ्रामक' लगे। एक ऐसा ही तथ्य zeenews.india.com की साइट पर दिखा, जिसमें कहा गया है — 

इस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी बारिश लाती थीं। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है।

इस रिपोर्ट में मानसून शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश बताया गया है, जो कि गलत है। यहां उर्दू की वर्तनी भी ठीक नहीं लिखी है।

भारत मौसम विभाग की वेबसाइट https://mausam.imd.gov.in पर इस शब्द की उत्पत्ति को लेकर कोई खोज परिणाम हासिल नहीं हुआ। 

और इस तलाश के अंत में हम वरिष्ठ पत्रकार, भाषाविद और पुस्तक 'शब्दों का सफ़र' के लेखक अजित वडनेरकर के ब्लॉग पर पहुंचे। उन्होंने मानसून शब्द के भारत आगमन की तफ़्सील से चर्चा की है। इस मुकाम पर आकर हमें वह मिला जिसकी तलाश थी। आप सूरज की तपिश से बेहाल हों और मानसून की बूंदें तर कर दें, ठीक वैसी ही अनुभूति यहां पहुंचकर हुई। यहां लिखा है — 

मानसून अंग्रेजी का शब्द है जिसमें हिन्द महासागर में चलनेवाली व्यापारिक हवाओं का संकेत छिपा है। मानसूनी हवाएं जैसे शब्दों से यह स्पष्ट भी होता है......हिन्दी में मानसून शब्द चाहे अंग्रेजी की देन हो मगर अंग्रेजी में यह पुर्तगाली भाषा से आया। ऐतिहासिक तथ्य है कि अंग्रेजों से भी पहले अरब सागर और हिन्द महासागर में पुर्तगाली और डच व्यापारियों ने कारोबार शुरू किया था। पंद्रहवीं सदी में उन्होंने पश्चिमी तटवर्ती अफ्रीका से चलकर दक्षिण अफ्रीका होते हुए भारत का रास्ता खोजा।......पुर्तगालियों ने फिर खाड़ी (गल्फ) के इलाकों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। पुर्तगालियों के लिए बेहद ज़रूरी था कि ऐशियाई क्षेत्र के समूद्री व्यापार पर कब्जा करने के लिए वे अरबों से नौपरिवहन की बारीकियां सीखें। यहीं आकर वे अरबी के मॉसिम mawsim शब्द से परिचित हुए जिस पर अरबों की व्यापारिक समृद्धि निर्भर थी। पुर्तगाली में इसका रूप मोन्शाओ हुआ। डच ज़बान में यह हुआ monssoen । डचों के साथ मलेशिया में भी यह शब्द मिन्सिन बन कर पहुंचा। मॉसिम से बने मानसून शब्द के साथ सिर्फ वर्षाकाल का अर्थ जुड़ा रहा। अरबी के इस शब्द ने कई भाषाओं पर अपनी छाप छोड़ी है मसलन हिन्दी में मौसम, स्वीडिश में मौस्सोन, मलय में मुसिम, मिन्सिन, स्पेनिश में मोन्जोन, पुर्तगाली में मोनशाओ, इतालवी में मोनसोने आदि।

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